भगवान बिरसा मुण्डा की पावन भूमि रांची, झारखण्ड में वर्ष 2021 में स्थापित झारखण्ड राज्य खुला विश्वविद्यालय, झारखण्ड का एक मात्र मुक्त विश्वविद्यालय है। यह विश्वविद्यालय राज्य में उच्च शिक्षा के प्रत्येक आकांक्षी तक गुणात्मक तथा रोजगारपरक उच्च शिक्षा के अवसर उपलब्ध कराने में निरंतर अग्रसर एवं प्रयत्नशील है। राज्य की सामाजिक एवं आर्थिक परिस्थितियों में एक वैकल्पिक शिक्षा व्यवस्था के रूप में झारखण्ड में दूरस्थ शिक्षा प्रणाली का पदार्पण झारखण्ड राज्य खुला विश्वविद्यालय के रूप में हुआ है। वर्तमान परिस्थितियों में तकनीक का सार्थक प्रयोग करते हुए दूरस्थ शिक्षा आज की सशक्त पूरक शिक्षा व्यवस्था के रूप स्थापित हो चुकी है।
वर्तमान शिक्षा प्रणाली के सामने व्याप्त मुख्य चुनौतियाँ ⅰ. पहुँच (Accessibility) ⅱ. सुगमता (Flexibility) ⅲ. गुणवत्ता (Quality) एवं ⅳ. वहनीयता (Affordability) को केन्द्र में रखकर घोषित देश की राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP-2020) के प्रस्ताव की क्रियान्वित करने में झारखण्ड राज्य खुला विश्वविद्यालय कृत संकल्पित है।
झारखण्ड के माननीय राज्यपाल एवं कुलाधिपति श्री सी. पी. राधाकृष्ण जी की सदइच्छाओं के अनुरूप झारखण्ड राज्य खुला विश्वविद्यालय शैक्षणिक दायित्व के समाजिक दायित्व के निर्वहन में लगातार प्रयाश कर रहा है। शैक्षिक कार्यक्रमों में संख्यात्मक वृद्धि एवं गुणात्मक वृद्धि तथा रोजगार परक बनाने के साथ- उच्च शिक्षा आकांक्षी तक पहुंच सुनिश्चित करने के लिए अध्ययन केन्द्रों के विस्तार को सुनिश्चित किया गया है।
विश्वविद्यालय कार्यालय प्रणाली में पारदर्शिता एवं जवाबदेही सुनिश्चित करने की दृष्टि से तकनीक को बढ़ावा दिया जा रहा है। विश्वविद्यालय के शिक्षक, परामर्शदाताओं, अध्ययन केंन्द्र, समन्वयकगण एवं कर्मचारियों की एकता एवं कर्म कुशलता ही वह उर्जा है जिसके बल पर यह विश्वविद्यालय जिवंत एवं प्रकाशवान है।
मुझे विश्वास है कि इसी उर्जा की सहायता से झारखण्ड राज्य खुला विश्वविद्यालय प्रदेश तथा समाज को अपनी सेवाएं वह योगदान प्रदान कर और अधिक स्मृद्धि और गौरवशील बनाने में अपनी भूमिका अदा कर सकेगा ।
मैं झारखण्ड राज्य खुला विश्वविद्यालय के छात्रों के उज्जवल भविष्य की कामना करता हूँ।
प्रो० (डॉ.) घनश्याम सिंह
कुलसचिव
झारखण्ड राज्य खुला विश्वविद्यालय, राँची